योग के माध्यम से अनिद्रा पर प्रभावी नियंत्रण और समाधान

International Yoga Day

आज के आधुनिक युग में जीवन की गति इतनी तीव्र और तनावपूर्ण हो गई है कि नींद न आना या अनिद्रा (Insomnia) एक आम समस्या बन चुकी है। यह समस्या न केवल हमारी दिनचर्या को प्रभावित करती है, बल्कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी दीर्घकालिक गंभीर प्रभाव डालती है। अनिद्रा के कारण व्यक्ति दिन भर थका-थका महसूस करता है और उसका मनोबल घटता है। जब नींद पूरी नहीं होती तो मस्तिष्क के कार्यक्षमता में कमी आती है। इससे याददाश्त कमजोर होती है, निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित होती है और मानसिक तनाव बढ़ता है। साथ ही, शरीर में हार्मोन असंतुलन, प्रतिरक्षा प्रणाली की कमजोरी, अवसाद, चिंता और हृदय संबंधी रोगों तथा अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा भी बढ़ जाता है।

आज के समय में अनिद्रा के कई कारण हैं – अत्यधिक तकनीकी उपकरणों का इस्तेमाल, मानसिक दबाव, असंतुलित आहार, शारीरिक व्यायाम की कमी और अनियमित जीवनचर्या।

दवाओं के माध्यम से राहत तो मिलती है, पर उनमें दीर्घकालिक दुष्प्रभावों का खतरा होता है। परंपरागत दवाओं के स्थान पर आज योग एक प्राकृतिक, सरल और सुरक्षित उपाय के रूप में व्यापक रूप से स्वीकार किया जा रहा है। योग न केवल शारीरिक स्वस्थता प्रदान करता है, बल्कि शरीर को आराम,  मानसिक शांति और संतुलन भी प्रदान करता है, रक्त संचार सुधारता है जो बेहतर नींद के लिए अत्यंत आवश्यक है।

योगगुरु स्वामी रामदेव द्वारा विशेष रूप से अनिद्रा को नियंत्रित करने और शरीर तथा मस्तिष्क को विश्राम देने  के लिए कुछ योगासन सुझाए गए  हैं। जो अनिद्रा की समस्या को दूर कर एक स्वस्थ और संतुलित जीवन की ओर ले जाते हैं।

1. त्रिकोणासन (Trikonasana)

  • लाभ: यह आसन रक्त संचार को सुधारता है, तनाव कम करता है और मन को शांति प्रदान करता है। पाचन प्रणाली ठीक होती हैं। एसिडिटी से छुटकारा मिलता हैं। शरीर को संतुलित करता है, जिससे नींद आने में सहूलियत होती है।

2. भुजंगासन (Bhujangasana)

  • लाभ: रीढ़ की हड्डी को मजबूत करता है, तनाव कम करता है और पेट के अंगों को सक्रिय करता है। पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है। मन को तनावमुक्त कर मानसिक तनाव से मुक्ति दिलाता है।

3. स्थि कोणासन (Stith Konasana)

  • लाभ: शरीर के पार्श्व भाग को खींचता है, लचीलापन बढ़ाता है और मानसिक तनाव कम कर मन को शांत करता है।

4. पाद वृत्तासन (Paad Vrittasana)

  • लाभ: जोड़ो की गतिशीलता बढ़ाता है, तंत्रिका तंत्र को सक्रिय करता है और मन को शांत करता है।

5. अर्ध हलासन (Ardh Halasana)

  • लाभ: कमर की मांसपेशियों को मजबूत करता है और मानसिक शांति देता है। मस्तिष्क में रक्त प्रवाह बढ़ाता है, तनाव और बेचैनी को कम कर नींद की गुणवत्ता बढ़ाता है।

6. द्विचक्रिका आसन (Dwichakrika asana)

  • लाभ: पेट को सुडौल बनाता है, आँतों को सक्रिय करता है। कब्ज, अम्लपित्त आदि से मुक्ति दिलाता है। यह सम्पूर्ण शरीर में रक्त संचार को तेज करके रक्त शुद्धि करता है और तनाव कम करता है।

इन योगासनों का अभ्यास तनाव को कम करता है, मांसपेशियों को आराम देता है और शरीर में ऊर्जा का संचार संतुलित करता है। ये आसन नियमित अभ्यास से नींद की गुणवत्ता को सुधारने में अत्यंत सहायक होते हैं।

Disclaimer

यह लेख अनिद्रा और योग से संबंधित जानकारी प्रदान करता है जिसका उद्देश्य पाठकों को विषय की बेहतर समझ देना है। यह सामग्री केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है तथा किसी चिकित्सकीय परामर्श का विकल्प नहीं है। लेख में उल्लिखित योगासनों के लाभ आम अनुभवों व प्रमाणों पर आधारित हैं, पर हर व्यक्ति की परिस्थिति भिन्न हो सकती है – अतः परिणाम व्यक्ति अनुसार भिन्न हो सकते हैं। उचित चिकित्सा के साथ-साथ योग एक सहायक उपाय हो सकता है, लेकिन विशेषज्ञ की मदद को नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए।

(Jyotsnaa G Bansal is a Reiki Grandmaster, practicing  Numerologist, IKS & Vedic Learner & Seeker, Author, Columnist, Researcher, Counselor and Crystals & Spiritual Guide)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *