रविवार को रूस ने यूक्रेन पर सबसे बड़ा हमला किया। इस हमले को रोकने में सफल यूक्रेनी f-16 पायलट लेफ्टिनेंट कर्नल मैक्सिम उस्तिमेंको वीरगति को प्राप्त हुए। यह इस युद्ध का सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है।
रॉयटर्स के अनुसार, उस्तिमेंको ने अपने जेट को क्षतिग्रस्त होने से पहले सात ड्रोन और कई मिसाइलों को ध्वस्त कर गिराया। इतना ही नहीं बल्कि वह अपने दुर्घटनाग्रस्त विमान को रिहायशी इलाकों से दूर ले गए लेकिन उन्हें विमान से बाहर निकलने का समय नहीं मिला।
आपको बता दें कि इस हमले में 537 रूसी ड्रोन और मिसाइलें शामिल थीं। यह बीते तीन सालों से अधिक समय से चल रहे युद्ध की एक रात में सबसे अधिक बड़ा हमला था। यूक्रेन ने 211 ड्रोन और 38 मिसाइलों को रोका, लेकिन 226 अन्य इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग या डिकॉय के कारण खो गए।
इन हमलों में बच्चों सहित कम से कम 12 यूक्रेनी नागरिक घायल हो गए और छह क्षेत्रों के घरों, स्कूलों और औद्योगिक स्थलों को नुकसान पहुंचा है। मध्य चेर्कासी में मिसाइलों ने अपार्टमेंट ब्लॉक और एक कॉलेज को निशाना बनाया, जिसको हमले के बाद लोगों को खाली करना पड़ा। ड्रोन द्वारा औद्योगिक सुविधा पर हमला किए जाने के बाद लविवि में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है।
राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने मरणोपरांत उस्तिमेंको को यूक्रेन के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया और उन्हें एक नायक घोषित किया। उस्तिमेंको ने चार प्रकार के विमानों में महारत हासिल की और 2014 से निरंतर यूक्रेन की रक्षा में योगदान देते हुए रविवार को वीरगति को प्राप्त हुए।
इस हमले ने कीव की उन्नत वायु रक्षा की तत्काल आवश्यकता को उजागर किया है। रूस ने अकेले इस सप्ताह में 1,270 ड्रोन, 114 मिसाइल और 1,100 ग्लाइड बम लॉन्च किए हैं।
ज़ेलेंस्की ने अमेरिका और सहयोगियों से पैट्रियट मिसाइल सिस्टम के लिए तत्काल अपील की, उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक वह बड़े पैमाने पर हमले कर सकता है, तब तक मास्को नहीं रुकेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि यूक्रेन अमेरिकी रक्षा यंत्र खरीदने के लिए तैयार है, लेकिन उसे वाशिंगटन से राजनीतिक समर्थन की आवश्यकता है, जिसमें राष्ट्रपति ट्रम्प ने अहम सहायता पर संकोच किया है।
इस बीच रूस ने दावा किया कि उसने डोनेट्स्क के नोवोक्रेंका गांव पर नियंत्रण कर लिया है और सीमावर्ती क्षेत्रों में यूक्रेनी ड्रोन को मार गिराया है। अगस्त 2024 के बाद से कीव अपने तीसरे F-16 के नुकसान पर शोक मना रहा है। इस पूरे घटनाक्रम पर विशेषज्ञों का कहना है कि जेट उच्च गति वाले लक्ष्यों की तुलना में सस्ते ड्रोन झुंडों के खिलाफ कम प्रभावी हैं।