‘कोई दोहरापन नहीं चलेगा’: एससीओ बैठक में पाकिस्तान पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का तीखा प्रहार, ख्वाजा आसिफ मौजूद

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान पर सीधा हमला करते हुए कहा कि शांति और आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकते। उन्होंने सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ एकजुट कार्रवाई की आवश्यकता पर बल देते हुए देशों के बीच संवाद और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए पुनर्गठित बहुपक्षीयता (reformed multilateralism) की वकालत की। यह बैठक चीन के क़िंगदाओ शहर में चल रही है।

क्या कहा राजनाथ सिंह ने?

राजनाथ सिंह ने कहा:

“मुझे लगता है कि हमारे क्षेत्र में सबसे बड़ी चुनौतियां शांति, सुरक्षा और विश्वास की कमी से जुड़ी हैं। इन समस्याओं की जड़ बढ़ती कट्टरता, उग्रवाद और आतंकवाद में है। शांति और समृद्धि आतंकवाद और सामूहिक विनाश के हथियारों के गैर-राज्य तत्वों और आतंकी संगठनों के हाथों में जाने के साथ अस्तित्व में नहीं रह सकते। इन चुनौतियों से निपटने के लिए निर्णायक कार्रवाई करने की ज़रुरत है, और हमें इन बुराइयों के खिलाफ मिलकर लड़ना होगा ताकि हम सभी की सामूहिक सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।”

उन्होंने आगे बताया कि:

“कुछ देश नीति के औजार के रूप में सीमा पार आतंकवाद का इस्तेमाल करते हैं और आतंकियों को पनाह देते हैं। ऐसे दोहरे मापदंडों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। SCO को ऐसे देशों की आलोचना करने में हिचकिचाना नहीं चाहिए।”

श्री राजनाथ सिंह ने पिछले 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ (The Resistance Front) द्वारा किए गए आतंकी हमले का भी ज़िक्र किया, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था।

“इस हमले में पीड़ितों को धार्मिक पहचान के आधार पर चिह्नित करने के बाद गोली मार दी गई। इस हमले को ‘लश्कर-ए-तैयबा’ (जो एक संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी संगठन है) उसकी छद्म इकाई ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ द्वारा अंजाम दिया गया।”

उन्होंने ज़ोर देते हुए यह भी बताया:

“किसी भी प्रकार की आतंकवादी कार्रवाई अपराध है और इसे किसी भी उद्देश्य, स्थान, समय या व्यक्ति द्वारा अंजाम दिए जाने पर न्यायोचित नहीं ठहराया जाएगा। SCO के सदस्य देशों को इस बुराई की स्पष्ट और सामूहिक निंदा करनी चाहिए।”

शंघाई सहयोग संगठन (SCO)
Shanghai Cooperation Organisation (SCO)

राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि:

“हम दोहराते हैं कि आतंकवाद के अपराधियों, योजनाकारों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों — जिनमें सीमा पार आतंकवाद के पीछे जिम्मेदार लोग भी शामिल हैं — को जवाबदेह ठहराना जरूरी है और उन्हें न्याय के कटघरे में पेश किया जाना चाहिए।”

उन्होंने “ऑपरेशन सिंदूर” का भी उल्लेख किया:

“पहलगाम हमले का तरीका लश्कर-ए-तैयबा के पूर्व हमलों से मेल खाता है। आतंकवाद से रक्षा के अधिकार और भविष्य में होने वाले सीमा पार आतंकी हमलों को रोकने और उन्हें विफल करने के तहत, भारत ने पिछले 7 मई 2025 को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का ऐलान किया, जिसका मकसद सीमा पार आतंकी ढांचे को ध्वस्त करना था।”

राजनाथ सिंह मंगलवार को चीन के बंदरगाह शहर क़िंगदाओ पहुंचे। यह पूर्वी लद्दाख में मई 2020 से चल रहे सैन्य गतिरोध के बाद किसी वरिष्ठ भारतीय मंत्री की पहली चीन यात्रा है। एयरपोर्ट पर भारत के राजदूत प्रदीप कुमार रावत ने उनका स्वागत किया।

ध्यातव्य हो की पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ भी इस बैठक में मौजूद थे।

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