गरीबों की आवाज़ उठाने पर FIR हो तो एक नहीं, 10 हो जाए – प्रशांत किशोर

सुपौल। बिहार की राजनीति में परिवर्तन की मुहिम लेकर निकले जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर आज सुपौल पहुंचे, जहां उन्होंने एक विशाल जनसभा को संबोधित किया। सभा के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने हाल ही में पटना में हुए विधानसभा घेराव और उसके बाद दर्ज एफआईआर पर कड़ी प्रतिक्रिया दी।

प्रशांत किशोर ने कहा, “हम गरीबों की आवाज़ उठाने गए थे। अगर इसके लिए एक के बदले दस FIR हो जाएं तो भी कोई चिंता नहीं है।” उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने 94 लाख गरीब परिवारों को 2-2 लाख रुपये सहायता देने का वादा किया था, लेकिन आज तक किसी को कुछ नहीं मिला। वहीं तीन डिसमिल जमीन देने की योजना भी कागज़ों तक सीमित है – “20 साल में सिर्फ सवा लाख परिवारों को ज़मीन दी गई है,” उन्होंने आरोप लगाया।

उन्होंने यह भी कहा कि अब दाखिल-खारिज प्रक्रिया में भी लूट मची है और भ्रष्टाचार चरम पर है। इसी के विरोध में जन सुराज के कार्यकर्ता विधानसभा घेराव करने गए थे।

“जब शराब और बालू माफिया विधानसभा में पहुंचेंगे तो संवाद नहीं, मारपीट ही होगा”बिहार विधानसभा में हाल में हुई विधायकों के बीच हाथापाई पर बोलते हुए PK ने तीखा कटाक्ष किया –”जब गुंडा-बदमाश, शराब और बालू माफिया को विधानसभा में भेजा जाएगा तो वहां कोई लोकतांत्रिक संवाद नहीं होगा, केवल मारपीट ही होगी।”उन्होंने कहा कि यह दृश्य पूरे बिहार की राजनीति की गिरती संस्कृति को दर्शाता है, जिसमें सत्ता और विपक्ष दोनों ही शामिल हैं।

PK ने जोर देते हुए कहा कि जन सुराज इसी व्यवस्था को बदलने के लिए मैदान में उतरा है।तेजस्वी के बहिष्कार बयान पर तंज – “धमकी क्यों? सच में चुनाव बहिष्कार कर के दिखाएं”राजद नेता तेजस्वी यादव द्वारा विधानसभा सत्र के बहिष्कार की धमकी पर भी प्रशांत किशोर ने तीखा जवाब दिया। उन्होंने कहा –”लोकतंत्र में हर किसी को अपना निर्णय लेने का अधिकार है, लेकिन ये गीदड़भभकी क्यों दे रहे हैं? अगर बहिष्कार करना है तो करें, किसने रोका है?”

PK ने साफ कहा कि जनता अब राजनीतिक नाटक नहीं, समाधान चाहती है।

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