पटना, बिहार | 1 अगस्त 2025:
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है। उन्होंने राज्य में विद्यालय संचालन से जुड़े सहायक कर्मियों के मानदेय में 100% वृद्धि की घोषणा की है। यह निर्णय सहायक कर्मचारियों के कार्यों के प्रति सम्मान और उनके सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण के उद्देश्य से लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार नवंबर 2005 से ही शिक्षा व्यवस्था के समग्र सुधार के लिए संकल्पबद्ध रही है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2005 में राज्य का शिक्षा बजट 4,366 करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 77,690 करोड़ रुपये हो गया है।
सहायक कर्मियों को बड़ी सौगात
नीतीश कुमार ने साफ किया कि विद्यालयों के संचालन में सहायक कर्मियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इनकी सेवाओं को सम्मान देने के उद्देश्य से मानदेय में दोगुना बढ़ोतरी की गई है:
- मध्याह्न भोजन योजना के रसोइयों का मासिक मानदेय ₹1,650 से बढ़ाकर ₹3,300 किया गया।
- रात्रि प्रहरियों का मानदेय ₹5,000 से बढ़ाकर ₹10,000 कर दिया गया।
- शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशकों का मानदेय ₹8,000 से बढ़ाकर ₹16,000 किया गया है। साथ ही, उनकी वार्षिक वेतन वृद्धि ₹200 से बढ़ाकर ₹400 कर दी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कदम से इन कर्मियों के जीवन स्तर में सुधार होगा और वे और अधिक समर्पण के साथ अपनी जिम्मेदारियां निभाएंगे।
शिक्षा में सुधार की दिशा में सतत पहल
मुख्यमंत्री ने बताया कि शिक्षकों की नियुक्ति, विद्यालय भवनों का निर्माण और आधारभूत ढांचे के विकास जैसे क्षेत्रों में लगातार काम हुआ है। अब सहायक कर्मियों को भी इस प्रक्रिया में भागीदार बनाकर समग्र सुधार को आगे बढ़ाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री का ट्वीट:
“शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में सहयोग कर रहे रसोइयों, रात्रि प्रहरियों और शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशकों के मानदेय में दोगुनी वृद्धि का निर्णय लिया गया है। यह सम्मान और प्रेरणा का प्रतीक है।”
यह निर्णय राज्य के लाखों सहायक कर्मियों के लिए राहत की खबर है और शिक्षा व्यवस्था को जमीनी स्तर पर और अधिक मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।