नई दिल्ली, 28 जुलाई 2025 — शिक्षा मंत्रालय ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की कुलपति प्रोफेसर शांतिश्री धूलिपुडी पंडित से गुजरात के केवड़िया में 10–11 जुलाई को आयोजित राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की पाँचवीं वर्षगांठ पर आयोजित महत्वपूर्ण सम्मेलन में शामिल न होने पर स्पष्टीकरण मांगा है।
मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, कुलपति ने इस राष्ट्रीय स्तर की बैठक में अनुपस्थित रहने के लिए कोई पूर्व अनुमति नहीं ली थी। यह सम्मेलन केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के अधिकारियों और शिक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ प्रतिनिधियों की उपस्थिति में आयोजित किया गया था।
शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “कुलपति की अनुपस्थिति को गंभीरता से लिया गया है। ऐसे सम्मेलनों में भाग लेना राष्ट्रीय शैक्षणिक योजना का हिस्सा होता है और अनुपस्थिति की पूर्व अनुमति अनिवार्य होती है। उनकी अनुपस्थिति से उनकी महत्वपूर्ण भागीदारी छूट गई।”
उल्लेखनीय है कि प्रोफेसर पंडित ने उसी समय दिल्ली में जेएनयू परिसर में भारतीय ज्ञान प्रणाली (IKS) पर तीन दिवसीय सम्मेलन (10–12 जुलाई) का आयोजन किया था। हालांकि, मंत्रालय का कहना है कि वह सम्मेलन के दूसरे दिन (11 जुलाई) में उपस्थित हो सकती थीं क्योंकि कार्यक्रम की सूचना काफी पहले दे दी गई थी।
फिलहाल, जेएनयू प्रशासन या कुलपति की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
प्रोफेसर शांतिश्री धूलिपुडी पंडित को फरवरी 2022 में जेएनयू की पहली महिला कुलपति नियुक्त किया गया था।
यह घटना यह संकेत देती है कि मंत्रालय संस्थानों के प्रमुखों से राष्ट्रीय शैक्षणिक मंचों में सक्रिय भागीदारी की अपेक्षा रखता है, विशेष रूप से जब एनईपी 2020 जैसे शिक्षा सुधारों को ज़मीनी स्तर पर लागू किया जा रहा है।