इजराइल-ईरान संघर्ष के बीच 19 जुन को मक्सर टेक्नॉलजी से सैटेलाइट तस्वीरे सामने आई है जो इजराईल के हालिया हवाई हमले की पुष्टि करता है , जिसमे ईरान के अराक मे मौजुद वॉटर रियक्टर फैसिलीटी की संरचनात्मक नुकसान को साफ तौर पर देखा जा सकता है। सामने आई तस्वीरों मे रियक्टर के डोम के ऊपरी हिस्से के साथ ही आस-पास मौजूद बुनियादी ढ़ाचे जिसमें डिस्टिलेशन टॉवर शामिल है उसके नुकसान को भी देखा गया ।

आपको बता दें कि ईरान के अधिकारियों ने हवाई हमले मे हुए ढ़ाचे के नुकसान को कबूला है,लेकिन नुकसान का खुलासा उन्होंने नहीं किया। वहीं सैटेलाइट से आयी तस्वीरों के मुताबिक हवाई हमले के समय अराक में मौजूद रियक्टर परिचालन में नहीं था। अराक फैसिलीटी के प्लूटोनियम जैसे उत्पादन क्षमता के कारण परमाणु विशेषज्ञों की विशेष निगरानी मे रखा गया है। आपको बता दें कि अराक को 90 के दशक मे ईरान के परमाणु क्षमता हासिल करने के फैसले के बाद बनाया गया था । यह फैसला 1980-88 के बीच हुए ईराक के साथ युद्ध के बाद लिए थे,करज और तेहरान जैसे जगहों पर हमले की बात को माना है। इजराइल ने इसे ईरान के परमाणु क्षमता को कम करने और बढ़ते शस्त्रीकरण को रोकने के लिए एक कदम बताया है।

इजराइल के अधिकारियों द्वारा जारी बयान मे उन्होनें कहा हमले का कारण खोनदाब रियक्टर के प्लूटोनियम उदपादन क्षमता को निशाना बनाना था। ताकि इसके परमाणु बनाने के उपयोग के रोका जा सके । अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने इस बात की पुष्टि की है कि अराक से किसी भी तरह के रेडियोलॉजिकल रिलीज़ को नहीं देखा गया है क्योंकि रियक्टर में ईंधन मौजूद नहीं था और इसके साथ रियक्टर उपयोग में भी नहीं था। हालांकि एजेंसी ने इस तरह के परमाणु स्थलों पर सैन्य हमले पर गंभीर चिंता व्यक्त की।