राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के एक विशेष कार्यक्रम में सम्मिलित हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री अरविंद नेताम ने अपने संबोधन में धर्मांतरण को भारत की एक गंभीर सामाजिक समस्या बताते हुए इस पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि “धर्मांतरण आज हमारे देश के सामने एक बहुस्तरीय संकट बन चुका है, लेकिन दुर्भाग्यवश अब तक किसी भी सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।”
नेताम ने कहा कि जब भी कोई सरकार सत्ता में आती है, तो विपक्ष और सत्ताधारी दलों के बीच केवल आरोप-प्रत्यारोप का माहौल बनता है, किंतु धर्मांतरण जैसे अहम मुद्दे पर कोई ठोस नीति या प्रयास सामने नहीं आया है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ही एकमात्र ऐसी संस्था है जो वर्षों से इस विषय पर संवेदनशीलता और संकल्प के साथ कार्य करती आ रही है।”
पूर्व मंत्री ने RSS से आग्रह किया कि वह इस दिशा में अपनी गति और प्रभावशीलता को और बढ़ाए, ताकि इस समस्या का समाजहित में समाधान निकल सके।
श्री नेताम ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, “मैं बस्तर जैसे क्षेत्र से आता हूं जहां नक्सलवाद और धर्मांतरण दोनों गहरी समस्याएं बन चुकी हैं। इन कारणों से आदिवासी समाज की सांस्कृतिक अस्मिता और सामाजिक एकता पर सीधा प्रभाव पड़ रहा है।”
उन्होंने कहा कि इन दोनों चुनौतियों से निपटने के लिए आदिवासी समाज और संघ को मिलकर ठोस कार्ययोजना बनानी चाहिए और जमीनी स्तर पर समाधान की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।
नेताम ने अंत में कहा कि यह केवल एक सामाजिक चिंता नहीं, बल्कि राष्ट्र की संस्कृति से जुड़ा विषय है। उन्होंने विश्वास जताया कि RSS अपने संस्कार, संगठन और सेवा के माध्यम से इस गंभीर चुनौती का समाधान निकालने का प्रयास कर रहा है । जिससे इस गंभीर समस्या का समाधान भी जल्द ही होगा ।