नई दिल्ली, 24 जुलाई 2025 — केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान ने मंगलवार को आयोजित वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 (World Food India 2025) के कर्टेन-रेज़र कार्यक्रम में प्रोसेस्ड फूड को लेकर समाज में फैली नकारात्मक सोच पर करारा प्रहार किया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि “प्रोसेस्ड फूड का मतलब जंक फूड नहीं होता, बल्कि यह गुणवत्ता, सुरक्षा और पोषण को बढ़ाने का माध्यम है।”
पासवान ने इस अवसर पर भारत को “ग्लोबल फूड बास्केट” यानी वैश्विक खाद्य आपूर्ति का एक अहम केंद्र बनाने के लक्ष्य को भी दोहराया।
प्रोसेस्ड फूड को लेकर बदलाव की जरूरत
चिराग पासवान ने अपने संबोधन में कहा कि यह गलत धारणा है कि प्रोसेस्ड फूड केवल अस्वास्थ्यकर होता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रोसेसिंग का उद्देश्य भोजन को टिकाऊ, सुरक्षित और पोषक बनाना होता है, और यह किसानों से लेकर उपभोक्ता तक पूरे खाद्य तंत्र के लिए फायदेमंद है।
पासवान के मुताबिक, भारत ने पिछले दस वर्षों में प्रोसेस्ड फूड निर्यात में जबरदस्त प्रगति की है — 2015 में 13.7% से बढ़कर 2025 में 20.4%, यानी $10.09 अरब डॉलर का निर्यात। बावजूद इसके, आज भी भारत में केवल 10% खाद्य उत्पादों का प्रोसेसिंग किया जाता है, जिससे अपार संभावनाएं अब भी अधूरी हैं।

वर्ल्ड फूड इंडिया 2025: निवेश और नवाचार का मंच
World Food India 2025 का आयोजन 25 से 28 सितंबर 2025 के बीच भारत मंडपम, नई दिल्ली में किया जाएगा। इस भव्य आयोजन का उद्देश्य भारत को खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में वैश्विक हब बनाना है।
कर्टेन-रेज़र कार्यक्रम में पासवान ने आधिकारिक वेबसाइट, मोबाइल एप्लिकेशन और प्रचार साहित्य का विमोचन किया। उन्होंने बताया कि इस मेगा इवेंट में दुनियाभर के उद्योग जगत, नीति निर्माताओं और निवेशकों की भागीदारी देखने को मिलेगी।
नीति, किसान और निवेश का त्रिकोण
चिराग पासवान ने प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना और अन्य सरकारी नीतियों का हवाला देते हुए कहा कि खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में निवेश से किसानों की आमदनी बढ़ेगी, रोजगार सृजन होगा और भारत की वैश्विक पहचान मजबूत होगी।
उन्होंने मीडिया से अपील की कि “हर पैक किए गए खाद्य उत्पाद को जंक फूड बताना बंद किया जाए।” उन्होंने नियामक संस्थानों से भी आग्रह किया कि हर उपभोक्ता को गुणवत्तापूर्ण और सुरक्षित विकल्प मिले, यह सुनिश्चित करना उनकी जिम्मेदारी है।
प्रमुख बिंदु:
- भारत से प्रोसेस्ड फूड निर्यात 10 वर्षों में दोगुना हुआ
- केवल 10% खाद्य वस्तुएं ही प्रोसेस होती हैं – अपार संभावनाएं
- प्रोसेस्ड फूड को लेकर गलत सोच को बदलने की जरूरत
- सितंबर में वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 में वैश्विक निवेशक जुटेंगे
- किसानों की आय, महिलाओं के रोजगार और खाद्य सुरक्षा पर होगा फोकस
चिराग पासवान के नेतृत्व में मंत्रालय ने यह स्पष्ट कर दिया है कि प्रोसेस्ड फूड भारत की खाद्य अर्थव्यवस्था का भविष्य है, और इसके प्रति सोच को बदलना समय की मांग है। यह न केवल भारत की कृषि आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करेगा, बल्कि भारत को विश्व खाद्य मानचित्र पर एक निर्णायक भूमिका में भी स्थापित करेगा।