भारत ने मंगलवार सुबह तक ईरान और इज़राइल से निकासी करवाने के लिए भारतीय वायुसेना के C-17 विमान का इस्तेमाल किया, जिनके जरिए 600 से भी अधिक भारतीयों को इज़राइल से सड़क मार्ग द्वारा मिस्र और जॉर्डन पहुँचाया गया और उसके बाद वहाँ से भारत लाया गया। इसी तरह, लगभग 3,000 नागरिकों को सफलतापूर्वक निष्क्रमण करवाया गया।
इज़राइल से सड़क मार्ग के ज़रिए जॉर्डन लाए गए 161 भारतीयों का पहला दल आज सुबह 8:20 बजे अम्मान से चार्टर्ड विमान के ज़रिए राजधानी नई दिल्ली पहुंचा। विदेश राज्य मंत्री पबित्र मार्घेरिता और विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जैसवाल ने हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया।
इज़राइल से जॉर्डन लाए गए 165 भारतीयों के एक अन्य समूह को भी C-17 विमान के मदद से अम्मान से नई दिल्ली पहुँचाया गया। यह उड़ान सुबह 8:45 बजे दिल्ली पहुँची, जहां विदेश राज्य मंत्री एल. मुरुगन भी उनका स्वागत करने के लिए हवाई अड्डे पर मौजूद थे।
एक अन्य समूह, जिसमें लगभग 300 भारतीय नागरिक शामिल थे, वे इज़राइल से तबा भूमि सीमांत द्वारा मिस्र पहुंचे थे। अधिकारियों का कहना है की, इन्हें शार्म-एल-शेख़ से C-17 विमान द्वारा निकाला गया।
पश्चिम एशियाई देशों द्वारा सोमवार देर रात क्षेत्र में ईरानी मिसाइल हमलों के कारण एयरस्पेस से जुड़े प्रतिबंध लगाए जाने पर जॉर्डन से उड़ानों में देरी हुई।
ईरान से भारतीयों की निकासी आज भी जारी रही। सुबह 3:30 बजे माशहद से एक चार्टर्ड विमान 292 भारतीयों को लेकर नई दिल्ली पहुंचा। इसके साथ ही पिछले सप्ताह से अब तक भारत ने ईरान से कुल 2,295 भारतीयों को निष्क्रमण करवाया है।
भारत ने पहले ही अपने उन नागरिकों से अनुरोध की थी कि जो इज़राइल छोड़ने के लिए इच्छुक हैं वे कृपया जॉर्डन या मिस्र की भूमि सीमा पार करने के बाद वहां से विशेष उड़ानों के ज़रिए भारत लौटें।
पिछले सप्ताह भारत ने ईरान और इज़राइल से अपने नागरिकों को निकालने के लिए “ऑपरेशन सिंधु” शुरू किया था। ईरान में मौजूद भारतीयों को पहले सड़क मार्ग से अर्मेनिया पहुंचाया गया था, जिसके बाद पिछले शुक्रवार ईरानी अधिकारियों द्वारा हवाई क्षेत्र में छूट देने के बाद माशहद शहर से चार्टर्ड उड़ानों की व्यवस्था भी की गई।
तेहरान स्थित भारतीय दूतावास पहले ही घोषणा कर चुका है कि ईरान में मौजूद सभी भारतीयों को निष्क्रमण किया जाएगा। ईरान में लगभग 10,000 भारतीय रहते हैं, जिनमें से कई पेशेवर पाठ्यक्रमों में पढ़ाई करने वाले छात्र हैं और बड़ी संख्या में भारतीय तीर्थयात्री भी वहां मौजूद थे, जब 13 जून को इज़राइल के हवाई हमलों के बाद तनाव भड़क गया था।
इज़राइल में 32,000 से अधिक भारतीय नागरिक हैं, जिनमें से अधिकांश जो हाल के महीनों में नियुक्त किए गए थे वो देखभालकर्ता और निर्माण श्रमिक शामिल हैं और वे फिलिस्तीनियों को वहाँ से निष्कासित करने में कार्यरत हैं।