नई दिल्ली, 25 जुलाई 2025 — केंद्र सरकार ने एक बड़े डिजिटल अभियान के तहत ULLU, ALTT (पूर्व में ALTBalaji), Desiflix और Big Shots समेत 25 ओवर-द-टॉप (OTT) प्लेटफॉर्म्स को ‘सॉफ्ट पॉर्न’ कंटेंट प्रसारित करने के आरोप में बैन कर दिया है। सरकार ने इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (ISPs) को इन ऐप्स और उनकी वेबसाइटों की पहुंच तत्काल प्रभाव से बंद करने का निर्देश दिया है।
अधिकारियों के अनुसार, ये प्लेटफॉर्म्स अश्लील और यौन स्पष्ट सामग्री को “वेब एंटरटेनमेंट” के रूप में छिपाकर प्रसारित कर रहे थे, जो कई मौकों पर नैतिकता और कानून की सीमाएं लांघ रहे थे।
किस कानून के तहत कार्रवाई हुई?
सरकार ने इन प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ निम्नलिखित भारतीय कानूनों के उल्लंघन का हवाला दिया:
- सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 67 और 67A — इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से अश्लील या यौन रूप से स्पष्ट सामग्री के प्रकाशन या प्रसारण से संबंधित
- भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita), 2023 की धारा 294 — सार्वजनिक रूप से अश्लीलता को दंडनीय बनाती है
- महिलाओं के अश्लील चित्रण (निषेध) अधिनियम, 1986 की धारा 4 — महिलाओं के अशोभनीय चित्रण को प्रतिबंधित करती है
साथ ही, इन प्लेटफॉर्म्स ने आईटी (मध्यस्थ दिशा-निर्देश एवं डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 का भी उल्लंघन किया, विशेषकर नियम 7 और धारा 79(3)(b), जो यह स्पष्ट करती हैं कि यदि कोई प्लेटफॉर्म सरकार की चेतावनियों को नजरअंदाज करता है, तो उसे कानूनी सुरक्षा प्राप्त नहीं होगी।
कार्रवाई की प्रक्रिया
यह निर्देश सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने निम्नलिखित विभागों और संगठनों के सहयोग से जारी किया:
- गृह मंत्रालय (MHA)
- इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY)
- कानूनी मामलों का विभाग
- FICCI और CII जैसे इंडस्ट्री संगठन
- महिला एवं बाल अधिकार विशेषज्ञ
ISPs को इन ऐप्स और वेबसाइटों की पहुंच भारत में पूर्ण रूप से बंद करने के निर्देश दिए गए हैं।
पहले भी हुई थी ऐसी कार्रवाई
सरकार ने इससे पहले मार्च 2024 में भी इसी तरह की कार्रवाई की थी, जिसमें 18 ओटीटी प्लेटफॉर्म्स, 19 वेबसाइट्स, 10 मोबाइल ऐप्स (7 गूगल प्ले और 3 ऐपल स्टोर पर), और 57 सोशल मीडिया अकाउंट्स को ब्लॉक किया गया था।
सरकार की चिंताएं
सरकारी सूत्रों का कहना है कि ये प्लेटफॉर्म्स बिना किसी सामाजिक संदेश या कहानी के, केवल यौन उत्तेजना फैलाने वाले कंटेंट पर फोकस कर रहे थे। इनमें लंबे समय तक चलने वाले नग्न दृश्य, यौन इशारे, और महिलाओं का अशोभनीय चित्रण आम थे।
सरकार ने इस पर चिंता जताई कि इस तरह की सामग्री नाबालिगों को आसानी से उपलब्ध हो रही है और यह भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों के खिलाफ है।