IND vs ENG: पूर्व भारतीय ऑफ-स्पिनर आर अश्विन ने अंशुल कम्बोज की तुलना ज़हीर ख़ान और जसप्रीत बुमराह से करते हुए कहा कि हरियाणा के इस तेज़ गेंदबाज़ को टीम की ज़रूरतें बाकी तेज़ गेंदबाज़ों की तुलना में ज़्यादा अच्छे से समझ में आती हैं।
मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में बुधवार को संभावित टेस्ट डेब्यू से पहले अश्विन ने अंशुल कम्बोज की दुर्लभ क्षमताओं की प्रशंसा करते हुए बताया कि वह भारत के सीम अटैक के लिए एक उम्दा जोड़ साबित हो सकते हैं। उन्होंने कम्बोज की तुलना ज़हीर ख़ान और जसप्रीत बुमराह जैसे विविधता वाले गेंदबाज़ों से की।
पूर्व विकेटकीपर दीप दासगुप्ता ने कम्बोज को टेस्ट कैप टॉस से पहले सौंपी, जिससे वे ओल्ड ट्रैफर्ड में डेब्यू करने वाले केवल 10वें भारतीय बने — और अनिल कुंबले के बाद पहले, जिन्होंने इस मैदान पर डेब्यू किया था।
सबसे दिलचस्प बात यह है कि अंशुल को केवल चार दिन पहले ही टीम में शामिल किया गया था, जब वे इंडिया-ए के यूके दौरे के बाद घर लौट चुके थे। एक चोट के कारण उन्हें बाहर रहना पड़ा था और उनकी जगह हर्षित राणा को रखा गया था, जो आकाश दीप के कवर के तौर पर रुके थे। कप्तान शुभमन गिल ने मैच की पूर्व संध्या पर आकाश दीप को अनुपलब्ध बताया। वहीं, बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ अर्शदीप सिंह भी चोटिल हैं। ऐसे में कम्बोज और प्रसिद्ध कृष्णा के बीच चयन होना था, जिसमें कम्बोज को प्राथमिकता मिलने की उम्मीद जताई गई।
अश्विन ने चेन्नई सुपर किंग्स के अपने इस साथी खिलाड़ी की विशेषताओं को लेकर विस्तार से साझा किया और कहा कि अगर वह बुमराह और सिराज के साथ खेलते हैं तो भारत का पेस अटैक और भी ज़्यादा खतरनाक हो सकता है।
ज़हीर, बुमराह जैसे हैं
“इंग्लैंड की यह टीम स्किल के मामले में भारत से मेल नहीं खा सकती। जैसे सिराज और बुमराह ने गेंदबाज़ी की, अगर आप अंशुल कम्बोज को लाते हैं, तो मैं कहता हूं कि यह एक गंभीर बॉलिंग अटैक ज़रूर होगा। लोग कहेंगे उसने टेस्ट नहीं खेला, लेकिन वह ए-टूर में था। वह फर्स्ट क्लास क्रिकेट में जबरदस्त फॉर्म में है। उसे लंबे स्पेल डालने की आदत है और इंग्लैंड में यह बेहद ज़रूरी होता है। वह बुमराह और सिराज के लिए बेहतरीन सहयोगी साबित होगा। प्रसिद्ध भी एक विकल्प हैं, लेकिन मैं अंशुल को ही महत्त्व दूंगा,” अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर बताया।
2024-25 सीज़न में कम्बोज ने अब तक सिर्फ 11 मैचों में 55 विकेट चटकाए हैं, जिसमें रणजी ट्रॉफी में केरल के खिलाफ 10 विकेट की खास परफॉर्मेंस भी शामिल है। अश्विन ने यह भी कहा कि कम्बोज टीम की योजनाओं को बारीकी से समझते हैं, जो उन्हें बाकी युवा गेंदबाज़ों से अलग बनाता है।
30-40 टेस्ट खेलने वाले गेंदबाज़ तक भी नहीं समझते प्लान
“अंशुल कम्बोज की जो सबसे अच्छी और सराहनीय बात है, वो यह है कि वह प्लान को सटीक रूप से समझता है। बहुत से गेंदबाज़ ऐसे भी हैं जो तक़रीबन 30-40 टेस्ट खेल चुके हैं पर वे भी प्लान को ठीक से समझ नहीं पाते। वे बस यही कहते हैं कि मैं खुद को एक्सप्रेस करूंगा, खेल का आनंद लूंगा और खुद को आज़ाद छोड़ूंगा। एक होता है प्लान को समझना और दूसरा होता है उसे मैदान पर लागू करना। बहुत से गेंदबाज़ों में यह ताकत नहीं होती।”
“लेकिन अंशुल प्लान को समझता है और उसे मैदान पर कैसे लागू करना है, यह भी जानता है। यह खूबी तेज़ गेंदबाज़ों में बहुत कम दिखती है। ज़हीर ख़ान उनमें से एक थे, वे अद्भुत थे। हाल के समय में जस्सी (बुमराह) ऐसे खिलाड़ी हैं जो प्लान को समझते हैं और उसे सटीकता से लागू करते हैं। अंशुल भी उसी कैटेगरी में आते हैं। मैं कौशल की तुलना नहीं कर रहा, क्योंकि वह बिल्कुल अलग बात है।”
अश्विन ने आगे कहा, “उसका टप्पा (लेंथ) बहुत सटीक है। मैंने आईपीएल में यह चीज़ देखी है। उसके कलाई का पोजिशन बेहद उम्दा है, और वह सीधे सीम के साथ गेंद डालता है। वह कभी भी अपना टप्पा नहीं छोड़ता।”
समाचार संस्था की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार को प्रसिद्ध कृष्णा की जगह कम्बोज के खेलने की अधिक संभावना है और वहीं शार्दुल ठाकुर को चौथे पेसर के तौर पर टीम में शामिल किया जा सकता है। अभी, भारत की कोशिश यह रहेगी कि वह इस सीरीज़ को 2-2 के बराबरी पर खत्म करने में क़ामयाब हों।