नई दिल्ली: देशभर में SSC (कर्मचारी चयन आयोग) की परीक्षाओं में भारी अव्यवस्था और परीक्षा रद्द किए जाने के विरोध में आज हजारों अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया। दिल्ली, पटना, लखनऊ, जयपुर, भोपाल समेत कई शहरों में छात्र सड़कों पर उतरे। सोशल मीडिया पर भी विरोध ने जोर पकड़ लिया है। छात्रों ने SSC की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग उठाई है।
छात्रों की मुख्य मांगें
प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने आयोग के खिलाफ नारेबाज़ी की और परीक्षा रद्द होने, तकनीकी खामियों और परीक्षा केंद्रों के गलत आवंटन जैसी समस्याओं को उजागर किया। सोशल मीडिया पर #SSCVendorFailure, #SSCReform और #SSCMisManagement जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे।
दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे एक अभ्यर्थी ने कहा:
“हमने महीनों मेहनत की और ऐन वक्त पर बताया गया कि परीक्षा रद्द हो गई या सिस्टम काम नहीं कर रहा। यह हमारे भविष्य के साथ मज़ाक है।”
“दिल्ली चलो” मार्च में उमड़ा जनसैलाब
प्रदर्शनकारियों ने आज “दिल्ली चलो” मार्च का आयोजन किया, जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों से आए छात्र शामिल हुए। कई छात्र अपने एडमिट कार्ड हाथ में लेकर पहुंचे और परीक्षा प्रक्रिया की विफलता को प्रतीकात्मक रूप से दर्शाया।
तकनीकी खामियां और निजी वेंडर पर सवाल
छात्रों का आरोप है कि ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करने वाली निजी एजेंसी की लापरवाही के कारण ये हालात बने। कई उम्मीदवारों को उनके राज्य से सैकड़ों किलोमीटर दूर परीक्षा केंद्र दिए गए। कुछ केंद्रों पर कंप्यूटर सिस्टम फेल हो गए और कई स्थानों पर इनविजिलेटर तक तकनीकी प्रणाली को ठीक से नहीं चला पा रहे थे।
एक छात्रा ने बताया:
“परीक्षा के दौरान ही हमें बीच में बाहर निकाल दिया गया। न कोई सूचना, न कोई समाधान।”
प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांगें:
- प्रभावित परीक्षाओं को पुनर्निर्धारित किया जाए
- जिम्मेदार निजी वेंडर को तत्काल हटाया जाए
- परीक्षा केंद्र आवंटन और OMR शीट की पारदर्शी जानकारी दी जाए
- SSC द्वारा स्पष्ट वक्तव्य और सुधार की समयसीमा घोषित की जाए
SSC की चुप्पी बनी नाराज़गी की वजह
अब तक SSC या किसी सरकारी संस्था की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। छात्रों का कहना है कि यह चुप्पी सरकार की उदासीनता को दर्शाती है और उनकी नाराज़गी को और बढ़ा रही है।
कुछ राजनीतिक दलों और छात्र संगठनों ने इस मुद्दे को गंभीर बताते हुए संसद में चर्चा की मांग की है।
पृष्ठभूमि:
SSC देशभर में सरकारी नौकरियों के लिए ग्रुप B और C स्तर की परीक्षाएं आयोजित करता है। हाल के वर्षों में पेपर लीक, परीक्षा में देरी और निजी एजेंसियों की नाकामी जैसे मामलों के कारण SSC की साख पर लगातार सवाल उठते रहे हैं।
निष्कर्ष:
आज के विरोध प्रदर्शनों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि देश के युवाओं में सरकारी भर्ती प्रणाली को लेकर गहरा असंतोष है। अब सभी की निगाहें SSC और सरकार पर हैं — क्या वे छात्रों की आवाज़ को सुनेंगे और कोई ठोस कदम उठाएंगे?