नई दिल्ली: ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में हुई बहस के दौरान लोकसभा में सोमवार को तीखी नोकझोंक देखने को मिली। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि क्या इस सैन्य अभियान में भारत के राफेल लड़ाकू विमान क्षतिग्रस्त हुए। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद की गई एयर स्ट्राइक से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां संसद और जनता से छुपाई जा रही हैं।
गोगोई ने कहा, “भारत के पास सिर्फ 35 राफेल विमान हैं। अगर इनमें से कुछ भी ऑपरेशन सिंदूर में नष्ट हुए हैं, तो यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा झटका है।” उन्होंने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान के उस कथन का हवाला दिया जिसमें कुछ हवाई नुकसान की बात की गई थी। उन्होंने यह भी पूछा कि ऑपरेशन के दौरान कितने विमान भेजे गए और क्या वाकई कोई राफेल विमान गिरा।
उन्होंने कहा, “देश के नागरिकों और हमारे सैनिकों को सच्चाई जानने का अधिकार है।” गोगोई ने सरकार पर यह आरोप भी लगाया कि वह ‘गोपनीयता की आड़ में’ जवाबदेही से बच रही है।
इस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तुरंत जवाब देते हुए गोगोई के आरोपों को “निराधार और राजनीतिक रूप से प्रेरित” बताया। उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कोई भी राफेल विमान नहीं गिरा और मिशन को भारतीय वायुसेना ने “सटीकता और वीरता” के साथ अंजाम दिया।
राजनाथ सिंह ने कहा, “कांग्रेस को जवाबदेही के नाम पर सेना के शौर्य पर सवाल उठाना बंद करना चाहिए।” उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह राजनीतिक लाभ के लिए देश की सेना का मनोबल गिरा रही है।
यह बहस संसद में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई है, जिसमें एक बार फिर राष्ट्रीय सुरक्षा सरकार और विपक्ष के बीच विवाद का कारण बनी। जहां सरकार ने ऑपरेशन की सफलता पर जोर दिया, वहीं कांग्रेस ने पारदर्शिता की मांग दोहराई।
ऑपरेशन सिंदूर पर जारी बहस और सवालों के बीच, ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में सरकार पर औपचारिक जानकारी देने का दबाव और बढ़ सकता है।