ईरान के फोर्दो परमाणु स्थल पर अमेरिका का बम हमला: ‘पहले और बाद’ के सैटेलाइट तस्वीरों में क्या दिखा?

Fordow Nuclear site

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा यह दावा किए जाने के एक दिन बाद कि ईरान के परमाणु स्थल “पूरी तरह से नष्ट कर दिए गए हैं”, सैटेलाइट तस्वीरों से अमेरिकी स्टील्थ बॉम्बर्स और “मैसिव ऑर्डनेंस पेनिट्रेटर” (MOP) या बंकर बस्टर बमों की एयरस्ट्राइक के बाद की सतही क्षति की स्थिति सामने आई है।

मैक्सर टेक्नोलॉजीज सहित व्यावसायिक सैटेलाइट इमेजरी में फोर्दो की पहाड़ियों पर बम गिरने के कम से कम छह गड्ढे दिखते हैं, जिनके नीचे ईरान के सेंट्रीफ्यूज हॉल मौजूद रहने की संभावना है।

पूर्व संयुक्त राष्ट्र परमाणु निरीक्षक और “इंस्टीट्यूट फॉर साइंस एंड इंटरनेशनल सिक्योरिटी” के प्रमुख डेविड एल्ब्राइट के एक बयान के मुताबिक:

“MOPs के जरिए सीधे घुसपैठ की गई है। मुझे लगता है कि यह (ईरानी परमाणु) सुविधा शायद अब खत्म हो चुकी है।”

हालांकि, संयुक्त राष्ट्र के परमाणु प्रमुख राफेल ग्रोसी ने किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से इनकार कर दिया। एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक उन्होंने कहा:

“इस समय, कोई भी, यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) भी फोर्दो की भूमिगत नुकसान का मूल्यांकन करने की स्थिति में नहीं है।”

‘पहले और बाद’ की तस्वीरों में बड़ा अंतर
फोर्दो परमाणु स्थल की “हमले से पहले” की तस्वीरों में सुविधा पूरी तरह सुरक्षित दिखती है—सफेद छत वाली मुख्य इमारत और आसपास की ज़मीन व्यवस्थित है। सड़कें, प्रवेश द्वार और नज़दीकी संरचनाएं भी बिना किसी नुकसान के नजर आती हैं।

Fordow Nuclear site
‘पहले और बाद’ की तस्वीरों में बड़ा अंतर

वहीं “हमले के बाद” की तस्वीरों में वही इलाका पूरी तरह बदला हुआ सा लगता है: मुख्य संरचना के सामने एक बड़ा हिस्सा धूल और मलबे से ढका है, ज़मीन पर कई गड्ढे भी नजर आ रहे हैं। कुछ इलाकों में धुआं या हाल की गतिविधियों के भी संकेत मिलते हैं।

हमलों से बचाने के लिए ये भंडार भूमिगत बने हैं।

CNA कॉर्पोरेशन के सैटेलाइट इमेज विशेषज्ञ डेकर एवलेथ ने कहा:

“हॉल जिसमें सैकड़ों सेंट्रीफ्यूज हैं, इतनी गहराई में स्थित है कि सैटेलाइट इमेजरी से क्षति का सटीक आकलन करना संभव नहीं है।”

फोर्दो ईरान के कई भूमिगत परमाणु स्थलों में से एक है, जिसे ऐसे हमलों से बचाने के लिए पहाड़ी इलाकों के अंदर गहराई में बनाया गया है।

अमेरिकी ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल डैन कैन के एक बयान के अनुसार, B-2 बॉम्बर्स ने 14 GBU-57/B (प्रत्येक 30,000 पाउंड वजनी) वाले बम गिराए।

उन्होंने यह भी कहा कि,“प्रारंभिक आकलन में भारी क्षति के संकेत हैं।” लेकिन यह पुष्टि करने से इनकार कर दिया कि परमाणु सुविधाएं पूरी तरह से नष्ट हुई हैं या नहीं।

क्या यूरेनियम पहले ही हटा लिया गया था?
हमले से कुछ दिन पहले, सैटेलाइट तस्वीरों में फोर्दो में “असामान्य गतिविधि” देखी गई — जिसमें प्रवेश द्वार पर वाहनों की लंबी कतार नजर आई।

एक वरिष्ठ ईरानी अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि हमले से पहले ईरान के 60% संवर्धित यूरेनियम भंडार के एक बड़े हिस्से का स्थानांतरण किसी और स्थान में कर दिया गया था।

मिडलबरी इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज से जेफ्री लुईस का कहना है कि:

“आप पूरी निश्चिंतता से सिर्फ इतना कह सकते हैं कि इस हमले से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को कुछ वर्षों तक पीछे धकेला गया होगा। यह भी संभव है कि ईरान के पास कुछ और गुप्त स्थल भी हों, जिनका हमें कोई ठिकाना नहीं।”

फोर्दो पर यह हमला अमेरिका के व्यापक अभियान “मिडनाइट हैमर” का हिस्सा था, जिसके तहत नतांज़ और इस्फहान के परमाणु स्थलों पर भी हमले किए गए।
जहां फोर्दो में बंकर बस्टर बमों का प्रयोग किया गया, वहीं दूसरी तरफ नतांज़ और इस्फहान पर टॉमहॉक क्रूज मिसाइलों के मदद से हमला हुआ।

ईरान लगातार दावा करता रहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है।
हालांकि, ईरान की संवर्धन क्षमताएं स्थायी रूप से प्रभावित हुई हैं या नहीं, IAEA (International Atomic Energy Agency) ने अभी तक इसकी जानकारी नहीं दी है।

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